Monday 14 March 2016

संस्कृत विभाग के प्राध्यापक


     1. डॉ. योगेश शर्मा  (सहायकाचार्य)  परिचय   

              दूरवाणी- 09953458687
          अणुसंकेत- yogesh@pgdave.du.ac.in



     2. डॉ. तरूण कुमार दीप  (सहायकाचार्य) परिचय

               दूरवाणी- 09315555628

              अणुसंकेत- tarun@pgdave.du.ac.in



     3. डॉ. कुलदीप सिंह  (सहायकाचार्य) परिचय

               दूरवाणी- 08802804503

              अणुसंकेत- kuldeep@pgdave.du.ac.in




 

संस्कृत विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों का परिचय 

         1. डॉ. सत्यकाम शर्मा ( उपाचार्य)  परिचय 

                        दूरवाणी– 09818837444
                  अणुसंकेतः-  satyakam@pgdave.du.ac.in



    2. डॉ. पुषराज जैन   ( पूर्व प्राचार्य )
  •  आपकी नियुक्ति सितम्बर सन् 1977 में हुई। 
  •  आप कॉलेज में लैक्चरररीडर  प्राचार्य पद पर रहते हुए 30 सितम्बर 2014 को सेवानिवृत्त हुए। 
  •  आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए.एम.ए. किया  दिल्ली विश्वविद्यालय से ही 'महात्मा गाँधी  के     चिन्तन में संस्कृत वाङ्मय का योगदानइस विषय पर 1991 में पीएच्.डी. की उपाधि प्राप्ति की।     
    विशेषता- 

  • आपने महात्मा गाँधी पर विशेष काम किया है। 
  • आपकी 'सनातन धर्म और महात्मा गाँधीनाम शीर्षक से पुस्तक भी प्रकाशित हुई है।
  • समय-समय पर देश के विभिन्न अखबारों  पत्र-पत्रिकाओं में भी आपके लेख प्रकाशित होते रहे हैं। 
  • आप श्रीमद्भगवद्गीता के विद्वान् हैंआपको अनेक श्लोक याद हैंआप ओजस्वी भाषण देते हैंव्यवहारकुशल हैं, आप सामाजिक, धार्मिक गतिविधियों में भी संलग्न रहते हैं।
 

  3. डॉ. प्रह्लाद कुमार
  •  आपकी नियुक्ति सन् 1970 में हुई थी। 
  •  आप अच्छे वक्तागायकस्वभाव से विनम्रप्रसन्नचित्त  मिलनसार थे।
  •  दुर्भाग्यवश 15 जून 1977 में असामयिक निधन होने के कारण आप ज्यादा समय तक महाविद्यालय   को अपनी सेवाएँ नहीं दे पाये। 
  •  'डॉ. प्रह्लाद कुमार स्मारक समितिके माध्यम से संस्कृत जगत् आज भी आपको श्रद्धा से याद करता 

  •  4   डॉ. नित्यानन्द शर्मा    ( पूर्व प्राचार्य )
  •   संस्कृत विभाग में सबसे पहले डॉ. नित्यानन्द शर्मा की नियुक्ति 4 अगस्त सन् 1959 में हुई।
  •   आपका कार्यकाल 31 जुलाई सन् 1996 में पूरा हो गया था। बाद में 5 साल के लिये और बढ़ा दिया गया। 
  •   आप पहले लैक्चरर, रीडर और फि उप-प्राचार्य प्राचार्य के रूप में कॉलेज को अपनी सेवाएँ प्रदान      करते रहे। 
  •   सन् 2000 में सर्विस काल में ही प्राचार्य पद पर रहते हुए आपका असामयिक निधन हो गया। 
  •   आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए., एम.ए. किया एवं दिल्ली विश्वविद्यालय से ही सन् 1973 में      'शब्दपरिपाक इन कालिदासाज् पोयट्री' इस विषय पर पीएच्.डी. की उपाधि प्राप्त की।
  •   विशेषता- आपको 'मेघदूतम्' के श्लोक गाना नाटकों का अभिनय करना अच्छा लगता था। आपने    'अभिज्ञानशाकुन्तलम्' नाटक में दुष्यन्त का अभिनय किया था। 
  •   आपको दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा भी विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया।

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