Monday 14 March 2016

कार्यक्रमविवरणम्

  संस्कृत परिषद् के द्वारा विगत वर्षों में आयोजित कार्यक्रमों का विवरण -
1.  4 अप्रैल, 2012 को ज्ञानवर्द्धक संस्कृत सामान्य ज्ञान (प्रश्न मञ्च) प्रतियोगिता एवं श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
2.  28 फरवरी, 2012-13 को भी प्रो. मिथिलेश चतुर्वेदी (विभागाध्यक्ष) संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 'श्रीमद्भगवद्गीता में आत्म प्रबंधन' पर विशेष व्याख्यान तथा श्री बनवारी जी (पूर्व सम्पादक जनसत्ता) का सामाजिक विषय में भाषण हुआ। इससे पूर्व संस्कृत प्रश्नोत्तर प्रतिस्पर्धा एवं श्लोक गायन का कार्यक्रम हुआ। विभागाध्यक्ष श्री चतुर्वेदी जी ने प्रश्नोत्तर मञ्च को ज्ञानवर्द्धक कहकर उत्साह बढ़ाया।
3.  21 मार्च, 2014 को संस्कृत सामान्य ज्ञान (प्रश्न मञ्च) एवं श्लोक गायन प्रतियोगिता रखी गई जिसमें अन्य विषयों (गणित, हिन्दी) आदि के संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों ने भी पर्याप्त संख्या में भाग लिया।
4.  24 मार्च, 2014 को 'संस्कृत में सम्भावनाएँ एवं आयाम (महर्षि दयानन्द के सन्दर्भ में)' विषय पर प्रो. रमेश चन्द्र भारद्वाज (विभागाध्यक्ष) संस्कृत विभाग एवं डॉ. भारतेन्दु पाण्डेय (Associate Professor) संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 'संस्कृत एवं संस्कृति' विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
5.  26 अगस्त, 2014 को 'संस्कृत की समसामयिकता' तथा 'संस्कृत से जीवन परिवर्तन' इन विषयों पर क्रमश: डॉ. वेदप्रकाश (Associate Professor) संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय एवं श्री सुशील कुमार (शोधच्छात्र) द्वारा विशेष व्याख्यान का कार्यक्रम रखा गया।
6.  23 सितम्बर, 2014 को 'भारतीय सौन्दर्यशास्त्र' विषय पर डॉ. मीरा द्विवेदी (Associate Professor) संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया एवं परिषद् की ओर से इस वर्ष भी संस्कृत सामान्य ज्ञान एवं श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
7.  26 अगस्त, 2015 से 01 सितम्बर, 2015 तक महाविद्यालय के इतिहास में पहली बार संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को संस्कृत गीत, श्लोकपाठ, मन्त्र सामान्य संस्कृत बोलचाल सिखाया गया। इसमें छात्रों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इसी वर्ष 13 अप्रैल, 2015 को श्लोक गायन एवं संस्कृत सामान्य प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता आयोजित की गई।
8.  01 सितम्बर, 2015 को संस्कृत सप्ताह के समापन समारोह में 'संस्कृत का महत्त्व एवं उपयोगिता' विषय पर श्री तेजेन्द्र कुकरेती (संस्कृत अध्यापक) द्वारा विशेष व्याख्यान दिया गया जिससे छात्रों एवं अन्य श्रोताओं की संस्कृत के प्रति आस्था जागृत हुई।
9.    16 अक्टूबर, 2015 को प्रो. रमेश चन्द्र भारद्वाज (विभागाध्यक्ष) संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविालय द्वारा ''राष्टि्रय अस्मिता के सन्दर्भ में - वैदिक काल निर्धारण'' विषय पर विशेष व्याख्यान ओजपूर्ण भाषा में प्रस्तुत किया गया।

v    विभाग के कार्यक्रमों को गति देने में सर्वाधिक सहयोग छात्रों की बढ़ती हुई संख्या का रहा। इन सभी कार्यक्रमों प्रतियोगिताओं में कॉलेज के सभी छात्रों जिसमें हिन्दी (ऑनर्स), राजनीतिक (ऑनर्स), गणित (ऑनर्स), इतिहास इंग्लिश के छात्रों का विशेष योगदान रहा तथा सभी छात्रों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और कार्यक्रमों को सफल बनाया।

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